Saturday 19 October 2013

दिल –ए नाकाम से पहले


इश्क की राह   में सोचिये अव्वल गाम से पहले 
इश्क होता है जरूर दिल –ए नाकाम से पहले .

मेरी हालत देख कर आते हैं सबकी आँख में आंसू  
मैं भी कितना खुश था गर्दिश ए अय्याम से पहले .

सुकूत ए वक्त देखकर इत्मिनान मत हो जाइए 
 होती है ऐसी ही शांति हर कोहराम से पहले.

 नक्श ए सुकूत औ जुमूद तारी है जिंदगी पर
  गर्म दोपहर तो आये रंगीन शाम से पहले.

 मुझे आदत नहीं किसी का एहसान लेने की
 काम तो मेरा देखिये कोई  इनाम से पहले.

नीरज कुमार 'नीर'
#neeraj_kumar_neer 


27 comments:

  1. आप की ये सुंदर रचना आने वाले सौमवार यानी 21/10/2013 कोकुछ पंखतियों के साथ नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही है... आप भी इस हलचल में सादर आमंत्रित है...
    सूचनार्थ।

    ReplyDelete
  2. आभार आपका कुलदीप भाई ..

    ReplyDelete
  3. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन कुछ खास है हम सभी में - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

    ReplyDelete
    Replies
    1. शुक्रिया ब्लॉग बुलेटिन

      Delete
  4. kya bat hai khari -khari baaten bina lag-lapet ke ....

    ReplyDelete
  5. शुक्रिया अरुण भाई

    ReplyDelete
  6. जबरदस्त ग़ज़ल.

    मुझे आदत नहीं किसी का एहसान लेने की
    काम तो मेरा देखिये कोई इनाम से पहले.

    क्या बात कही है.

    ReplyDelete
  7. सुकूत ए वक्त देखकर इत्मिनान मत हो जाइए
    होती है ऐसी ही शांति हर कोहराम से पहले.============बहुत प्यारी ग़ज़ल ,,,बधाई

    ReplyDelete
  8. सुकूत ए वक्त देखकर इत्मिनान मत हो जाइए
    होती है ऐसी ही शांति हर कोहराम से पहले.
    वाह !! बहुत सुंदर, नीरज जी.
    नई पोस्ट : धन का देवता या रक्षक

    ReplyDelete
  9. क्या बात है।

    ReplyDelete
  10. बहुत सुंदर गजल, बधाई नीरज जी.

    ReplyDelete
  11. मुझे आदत नहीं किसी का एहसान लेने की
    काम तो मेरा देखिये कोई इनाम से पहले. ..

    बहुत उम्दा शेर है ... पूरी गज़ल कमाल की है ...

    ReplyDelete
  12. बहुत सुन्दर रचना

    ReplyDelete
  13. मुझे आदत नहीं किसी का एहसान लेने की
    काम तो मेरा देखिये कोई इनाम से पहले.---------

    वाह जीवन की सार्थकता को बयां करती खूबसूरत गजल
    बधाई

    ReplyDelete
  14. उम्दा गजल ...बधाई

    ReplyDelete
  15. achcha likha hia aapne, par kuch words upar se ud gaye, kripya unka arth bhi likh diya kare neeche.....

    ReplyDelete
  16. अदभुत ,सुंदर गजल |

    ReplyDelete
  17. बहुत खुबसूरत ग़ज़ल ....

    ReplyDelete
  18. वाह...बहुत सुंदर और उम्दा अभिव्यक्ति...बधाई...

    ReplyDelete
  19. madhukant.shah.
    excellent,still improve.

    ReplyDelete
  20. सुकूत ए वक्त देखकर इत्मिनान मत हो जाइए
    होती है ऐसी ही शांति हर कोहराम से पहले.

    नक्श ए सुकूत औ जुमूद तारी है जिंदगी पर
    गर्म दोपहर तो आये रंगीन शाम से पहले.
    बहुत खूब नीरज जी

    ReplyDelete
  21. कल 05/सितंबर/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    धन्यवाद !

    ReplyDelete
  22. बहुत खुबसूरत

    ReplyDelete
  23. मुझे आदत नहीं किसी का एहसान लेने की
    काम तो मेरा देखिये कोई इनाम से पहले
    बहुत बढ़िया

    ReplyDelete

आपकी टिप्पणी मेरे लिए बहुत मूल्यवान है. आपकी टिप्पणी के लिए आपका बहुत आभार.

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...